प्राचार्य
आज, स्कूल की भूमिका न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने की है, बल्कि छात्रों को आजीवन सीखने वाले, महत्वपूर्ण विचारक और कभी बदलते वैश्विक समाज के उत्पादक सदस्य बनने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाने की भी है। प्रत्येक छात्र की प्रतिभा, कौशल और क्षमताओं की आवश्यकता है उसे पहचाना, पोषित किया जाता है और प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वह और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम हो सके।
जय हिंद जय भारत जय के वी एस